एक बुद्धिमान अपने लड़कों को समझाया करता था, बेटा पड़ना लिखना सीखो, संसार के धन पर भरोसा ना करो, आपका अधिकार आपको अपने देश के बाहर काम नहीं दे सकता और धन के चले जाने का डर हर वक्त बना रहता है| यदि वह एक बार में ही छिन जाए या वह आहिस्ता-आहिस्ता खर्च हो जाए| परन्तु शिक्षा धन का कभी ना खत्म होने वाला स्रोत है और अगर कोई विद्वान गरीब हो तो भी वह दुखी नहीं रहेगा क्योंकि उसके पास शिक्षा रूप धन मौजूद है| एक समय की बात है कि द्म्शिक नगर में गदर हुआ, सभी लोक वहां से भाग गएऔर तभी बुद्धिमान लड़के बादशाह के मंत्री बन गए और पुराने मंत्रियों के मुर्ख लड़के गली– गली में भीख मांगने लगे| अगर पिता का घन चाहते हो तो पिता के गुण सीखो क्योंकि धन तो चार दिन में चला जा सकता है|
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